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Thursday, 25 August 2011

अन्ना की हुंकार देश से भ्रष्टाचार मिटाना है !! कवि: कुंवर शिव प्रताप सिंह



अन्ना की हुंकार देश से भ्रष्टाचार मिटाना है !!



आओ मित्रो क़दम बढ़ाओ अब नहीं क़दम हटाना है !
अन्ना की हुंकार देश से भ्रष्टाचार मिटाना है !!१

नहीं विरोध कोई शासन से सिस्टम को ललकारा है,
नेताओं की नहीं बपौती भारतवर्ष हमारा है,
एक बार फिर विश्व में भारत का परचम लहराना है !!२

जाने कब से दबी हुई थी चिंगारी जन मानस में,
अन्दर से जो भड़क रही थी वर्षों से जन मानस में,
उसी अग्नि को आहुति दे कर और प्रचंड बनाना है !!३

अन्ना ने आवाज़ उठायी भ्रष्टाचार मिटा डालो तुम,
जो भी हिस्सा भ्रष्ट तंत्र का जड़ से उसे हटा डालो तुम,
इसी अहिंसा सत्याग्रह से हमें देश चमकाना है !!४

अन्ना हम हैं साथ तुम्हारे यह ललकार हमारी है,

तुमने जाग्रत करी चेतना आज हमारी बारी है,
खाते हैं हम क़सम देश की इसी क्रांति को लाना है !!५
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कवि: कुंवर शिव प्रताप सिंह २३.०८.२०११

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