Total Page Views of Dil Se Desi Shayari-Poetry Blog by
Visitors w.e.f. 20.00 Hrs IST 26/06/11

Total Page/Topic Views

Recent Topics

Saturday, 10 September 2011

जीवन का दोराहा

जीवन का दोराहा



एक तरफ हैं प्यार की क़समें, एक तरफ दुनिया की रस्में,
कैसे जज़्बाती दो राहे पर खड़ा किया तकदीर ने !! १

मैंने कभी नहीं सोचा था मुझको इतना प्यार मिलेगा,
प्यार के संग जुदाई का फिर मुझको काला नाग डसेगा,
याद रखूँ उन क़स्मों को, या लड़ जाऊं उन रस्मों से,
कैसे जज़्बाती दो राहे पर खड़ा किया तकदीर ने !!२

उसकी आँखें नीली नीली, शर्माती सी और नशीली,
उसके होठों पर मुसकाहट मेरी आँखें गीली गीली,
याद रखूँ उन सपनों को या ग़लतफ़हमियों के फ़ितनों को,
कैसे जज़्बाती दो राहे पर खड़ा किया तकदीर ने !!३

एक दूजे के प्यार में खो कर सारी दुनिया भूल गए थे,
और जुदाई के लम्हों में सारी खुशियाँ भूल गए थे,
याद करूँ उन वादों को या भूलूँ सारी यादों को,
 

कैसे जज़्बाती दो राहे पर खड़ा किया तकदीर ने !! ४

******************************************************
कवि: कुंवर शिव प्रताप सिंह

1 comment:

Please Leave Your Precious Comments Here