दोस्ती करना इतना आसान है जैसे माटी पर माटी से माटी लीखना,
लेकीन प्यार नीभाना इतना मुस्कील है
जैसे पानी पर पानी से पानी लीखनालोग कहते है हमे आदत है मुस्कुराने की
लेकिन वो नहीं जानते यह अदा है गम छुपाने की
लोगो ने तो फूलो से मोहबत की
काँटों को कीस ने याद कीया,
हमने तो काँटों से मोहबत की
क्योंकी फूलो ने हमको बर्बाद कीया
लोग कहते है हमे आदत है मुस्कुराने की
लेकिन वो नहीं जानते यह अदा है गम छुपाने की
हम न होते तो ग़जल कोन कहता,
तुम्हारे खीले चहरे को कमल कोन कहता,
यह तो करीश्मा है मोहबत का
वर्ना पत्थर को ताजमहल कोन कहता
हर दीन के बाद रात आती है,
हर मौत के बाद बहार आती है ,
जींदगी चली जाती है दुल्हन बनकर,
जब मौत लेकर बारात आती है! |
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