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Wednesday 18 January 2012

चहचाहती हुई चिड़िया और कांव कांव करते कौवे





तुमने चहचाहती  हुई चिड़िया और कांव कांव करते कौवे को तो आवश्ये देखा होगा| जानते हो यह ऐसा क्यो करते है? क्योकि यह भी तुम्हारी तरहा आपस में बाते करते है|
बोल दो मीठे बोल पिया से
पपीहा पीहू पीहू गुण गये
प्यार मोहब्बत की बातें यारा
क्या मधुर साज़ सजाए

क्यो ना तुम और हम सारे गीले शिखवे भुला के एक बार फिर से दोस्त बन जाएँ? जैसे चीटियाँ मिल जुल कर कदम दर कदम आगे बढ़ती है, हम भी मिल कर हाथ बट्‍टाएँ| दिल से एक हो जाएँ||.................

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