ना इधर के रहे
ना उधर के रहे
बिच में लटकते रहे
ना India को भुला सके
ना America अपना सके
इंडियन अमेरिकन बन के काम चलाते रहे
ना गुजराती को छोड़ सके
ना अंग्रेजी को पकड़ सके
देसी accent में गोरो को confuse करते रहे
ना turkey को पका सके
ना ग्रेवी बना सके
मुर्गी को दम देके thanks giving मनाते रहे
ना Christmas tree बना सके
ना बच्चो को समजा सके
दिवाली पर Santa बनके तोहफे बाँटते रहे
ना shorts पहेन सके
ना सलवार कमीज़ छोड़ सके
Jeans पर कुरता और स्नीकर्स पहेन कर इतराते रहे
ना नाश्ते में Donut खा सके
ना खिचड़ी कढी को भुला सके
Pizza पर मिर्च छिड़ककर मज़ा लेते रहे
ना गरमी को भुला सके
ना Snow को अपना सके
खिड़की से सूरज को देखकर Beautiful Day कहेते रहे
अब आयी बारी Baroda जाने की तो
हाथ में पानी का शीशा लेकर चलते रहे
लेकिन वहां पर.............
ना भेल पूरी खा सके
ना लस्सी पी सके
पेट के दर्द से तड़पते रहे
हरड़े और एसबगुल से काम चलाते रहे
ना मच्छर से भाग सके
ना खुजली को रोक सके
Cream से दर्दो को छुपाते रहे
ना फकीरों से भाग सके
ना Dollar को छुपा सके
नोकरो से पीछा छुड़ाकर भागते रहे
ना इधर के रहे
ना उधर के रहे
कमबख्त कही के ना रहे
बस "ABCD (American Born Confused Desi) "
औलाद को और Confuse बनाते रहे.....Phir Bhi Dil He Hindustani...!
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