" पावर हाउस के बाहर झोपड़ी में लटकी है एक लालटेन,
भोजनालयों के बाहर भूखे भिखारियों की भीड़
स्कूलों के बाहर खिलोने से खेलने की उम्र में खिलोने बेचते अनपढ़ बच्चे
गंगोत्री के इलाके में पेयजल समस्या
जो इलाके सूखे से त्रस्त होते है वही बाढ़ में पस्त होते हैं
मंदिर मस्जिद गुरद्वारों में आतंकियों को पनाह
प्यार का अभाव पर सेक्स सरे राह
शहरों में मोटापा और किसानो में भुखमरी
भूखे पेट भरे गोदाम अखबारों में चर्चा आम
मंदिरों में सन्नाटा और जेलें हाउसफुल
सांसद में बहस बंद और सड़क पर बहसें
दिल से पतिता ब्लॉग पर कविता
मानवता ने सबकुछ कर लिया है प्रभु !
तुम सही वितरण ही करदेते , वह भी नहीं कर सके
हम कब तक तुम्हारी लड़ाई लड़ें तुम भी तो कभी आओ
अपनी भी जान दाव पर लगाओ ! " --- राजीव चतुर्वेदी
Bahut Badhiya!!!!!!
ReplyDeletelaa jawab
ReplyDeletesahee kaha aapne yahee hal hai har jagah ka
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