किताबों के पन्ने पलट के सोचती हूँ
यू ही पलट जाये ज़िन्दगी तो क्या बात है.
ख़्वाबों मैं जो रोज़ मिलता है,
वो हकीकत मैं आये तो क्या बात है.
कुछ मतलब के लिए ढूंढ़ते है सब मुझको,
बिन मतलब जो आये तो क्या बात है.
कत्ल कर के तो सब ले जायेंगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाये तो क्या बात है.
जो शरीफों की सराफत मैं बात न हो,
एक शराबी कह जाये तो क्या बात है.
अपने रहने तक तो ख़ुशी दूंगी सबको,
जो किसी को, मेरी मौत पर ख़ुशी मिल जाये तो क्या बात है
Nice one...Ultimate
ReplyDeleteGood Thought
LAST LINE IS SUPERBBBB
ReplyDeletePAR
Uparwala kare ki kabhi ye mauka naa aye ki aapke jaane pe kisi ko khushi ho.
TUSH2233@yahoo.com