"भूख की इबारत से देश की तकदीर मत लिख,
मेरे तन के ही नहीं वतन के कपड़े भी तैने नोच लिए.
तू तो कहता था रूपए अट्ठाईस ही काफी हैं तेरे लिए,
तूने तो इस मुल्क के अट्ठाईस अरब लूट लिए.
घोटालों की मलाई है तुम्हारे लिए और महगाई हमारे लिए
सोनिया सरकार ने सपने भी सभी लूट लिए."---- राजीव चतुर्वेदी
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