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Thursday, 27 October 2011
Hum Iss Qadr Tum Pe Mar Mittenge.....
Friday, 21 October 2011
Ab To Bas Maut Kaa Sahara hi Rah Gaya Hai
Tuesday, 18 October 2011
धरती माता ( कविता) (Dharti Mata Kavita)
धरती माता ( कविता)
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
आओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना दें
देकर सुंदर रूप धरा को,
कुरूपता को दूर भगा दें
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करें
गंदगी फैला भूमि पर
माँ को न बदनाम करें
माँ तो है हम सब की रक्षक
हम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षक
कुदरत ने जो दिया धरा को
उसका सब सम्मान करो
न छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करो
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
आओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना दें
देकर सुंदर रूप धरा को,
कुरूपता को दूर भगा दें
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करें
गंदगी फैला भूमि पर
माँ को न बदनाम करें
माँ तो है हम सब की रक्षक
हम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षक
कुदरत ने जो दिया धरा को
उसका सब सम्मान करो
न छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करो
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
Friday, 14 October 2011
वो चांद जैसी लडकी इस दिल पे छा रही हैं
वो चांद जैसी लडकी इस दिल पे छा रही हैं
आँखों के रास्ते से इस दिल में आ रही हैं
अल्लड सी भोलीभाली मासूम यह शरारत
बदली नहीं हैं अबतक बचपन की उस की आदत
तडपा रही हैं यादें, हो जाउँ ना मैं पागल
आ जाये सामने वो, यह जान जा रही हैं
मेरा चांद बादलों में क्यों जा के खो गया हैं
अब दूर इस कदर वो क्यों मुझ से हो गया हैं
क्यों जी रहा हूँ तनहा, ये याद भी नहीं हैं
बस इतना याद हैं के वो याद आ रही हैं
Sunday, 2 October 2011
Aaj Unka....
Aaj Unka Muskura Kar
Najre Jhukna Acha Laga
Kuch Dur Jakar
Phir Lout Ana Acha Laga
Mujhse Shararat Kar Ke
Mukar Jan Acha Laga
Aaj Sir Mera Inki Go0d Me Tha
Unka Mere Balon Ko Sehlana Acha Laga
Jab Padi Meri Ankho Par
Suraj Ki Chamak
Unka Mujh Par Anchal Lehrana Acha Laga
Aaj Unka Muskura Kar
Najre Jhukana Acha Laga
Rate Sone Me Zaya Nahi Karte Ashiqe
Sari Raat Unse Batiyana Acha Laga
Hum Toh Unke Kareeb The Aashiqe
Aur Pass Aana Acha Laga
Aaj Unka Muskura Kar
Najre Jhukana Acha Laga
Humne To Unse Mohabbat Bahut Ki
Par Unka Or Ishq Mangana Acha Laga
Yun To Humne Liya Hai Unhe Bahon Ke Agosh Me
Par Unka Seene Se Lag Jana Accha Laga
Vese Ham Unko Naraj Nahi Karte Kabhi
Par Unka Ruth Jana Acha Laga
Aaj Unka Muskura Kar
Najre Jhukana Acha Laga
Wo To Bohut Khubsurat Hai Ashiqe
Par Unka Ankho Me Kajal Lagana Acha Laga
Yun To Koi Sath Nhin Deta Ashiqe
Par Unka Kuch Kadam Sath Nibhana Accha Laga
Written And Composed By
Ya Khuda Koi Aisa Karam Kar De
Zarre Ko Tu Shikhar Kar De
Bhar De Daman Khushiyo Se
Mere Mehboob Ka
Badle Me Mujhe "Gumo Ka Sagar" Kar De
Zarre Ko Tu Shikhar Kar De
Bhar De Daman Khushiyo Se
Mere Mehboob Ka
Badle Me Mujhe "Gumo Ka Sagar" Kar De
Pathar Bana Diya Mujhe Rone Bhi Nahin Diya
The Girl in My Dreams
I now see her face
So what does this mean
The girl that I've seen
The girl in my dreams.
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