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Wednesday, 29 February 2012

Khushbu Ki Tarah Meri Har Saans Main...


Khushbu ki tarah meri har saans main!
Pyaar apna basany ka wada karo!
Rang jitny tumhari mohabat ka hai!
Mere dil main sajany ka wada karo!
Hai tumhari wafaon pe mujh ko yaqeen!
Phir bhi dil chahta hai mere dil nasheen!
Yun hi meri tasalli ki khatir zara
Mujh ko apna banany ka wada karo!
Sirf lafzon say iqrar hota nahi!
Main tumhainy yaad rakhney ki khaloon kasam!
Agar tum mujhy naa bhulany ka wada karo

"मेरी बहन कुछ उलटे कुछ सीधे शब्दों से कविता बुनना नहीं जानती-----राजीव चतुर्वेदी




"मेरी बहन कुछ उलटे कुछ सीधे शब्दों से

कविता बुनना नहीं जानती

वह बुनती हैं हर सर्दी के पहले स्नेह का स्वेटर

खून के रिश्ते और वह ऊन का स्वेटर
कुछ उलटे फंदे से कुछ सीधे फंदे से
शब्द के धंदे से दूर स्नेह के संकेत समझो तो
जानते हो तो बताना बरना चुप रहना और गुनगुनाना
प्रणय की आश से उपजी आहटों को मत कहो कविता
बुना जाता तो स्वेटर है, गुनी जाती ही कविता है

I want to live in your eyes


I want to live in your eyes, 
die in your arms and be buried in your heart

if i died or travelled far, 
i’d write ur name on every star,so everyone could look up & see, 
dat u mean the world 2 me

There are a million stars and a million dreams, 
you are the only star for me, 
the only dream i dream

Tuesday, 28 February 2012

भूख -- तुम्हारे लिए होगी एक दर्दनाक मौत की इबारत ----- राजीव चतुर्वेदी


"भूख -- तुम्हारे लिए होगी एक दर्दनाक मौत की इबारत
हम तो हैं आढ़तिये हमारी खड़ी होती हैं इसी पर इमारत
हम हैं नेता हमारे लिए है हर भूख से मरनेवाला मुर्दा बस महज एक मुद्दा
हमारी तो है राशन की दूकान
खरीद सको तो खरीदो बरना तुम्हारी भूख से हमें क्या काम
सुना है आप डॉक्टर हैं सरकारी, आप भी खाते हैं घूस की तरकारी
डॉक्टर की राय में भूख से मौत नहीं होती मौत तो खून की कमी से होती है
मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष तो वह होता है जिसके घूस खाने से पूरा देश ही रोता है
घूस की डकार लेकर वह बताता है कि भूख से मौत बहुत बुरी बात है पर उसका प्रतिशत कम और औसत ज्यादा है
आपके समझ नहीं आई होगी उनकी यह बात पर देश भी अभी नहीं समझ पाया है
क़ानून के जानकार बताते हैं कि संविधान में भूख दर्ज ही नहीं है अतः असंवैधानिक है
भूख लेखकों कवियों लफ्फाजों के लिए है साहित्य का कच्चा माल
एनजीओ वाले भूख के नाम पर जो दूकान चलाते हैं उसके लिए "भूख" एक शुभ सा समाचार है
किसान फसल बो कर भूख मिटा रहा है और हम
और हम भूख उगा रहे हैं
देखना एक दिन फसल बो कर भूख मिटा रहा किसान भूखा मर जाएगा
और हमने तो शब्दों से कागज़ पर जो भूख की फसल बोई है और पर पैसे का खेत लहलहाएगा
पर याद रहे --भूख में जिन्दगी बेहद सुन्दर होती है
कभी देखा है फ़न फैलाए सांप
डाल पर उलटा लटक कर फल कुतरता तोता 
चोंच से दाना चुगते चिड़ियों के बच्चे
शिकार का पीछा करता चीता
दूध पीता बछड़ा
हाथ में हथियार लेकर अधिकार के लिए लड़ता भूखा आदमी
वैसे ही जैसे जिन्दगी के महाभारत में हाथ में रथ का पहिया ले कर खड़े हों कृष्ण." -----राजीव चतुर्वेदी

World Hunger Facts - Submitted by Danny

World Hope International
› In the Asian, African and Latin American countries, well over 500 million people are living in what the World Bank has called "absolute poverty".

› Every year 15 million children die of hunger.

› Throughout the 1990's more than 100 million children will die from illness and starvation. Those 100 million deaths could be prevented for the price of ten Stealth bombers, or what the world spends on its military in two days!

› For the price of one missile, a school full of hungry children could eat lunch every day for 5 years.

› The World Health Organization estimates that one-third of the world is well-fed, one-third is under-fed one-third is starving- Since you've entered this siteat least 200 people have died of starvation. Over 4 million will die this year.

› One in twelve people worldwide is malnourished, including 160 million children under the age of 5. United Nations Food and Agriculture.

› The Indian subcontinent has nearly half the world's hungry people. Africa and the rest of Asia together have approximately 40%, and the remaining hungry people are found in Latin America and other parts of the world. Hunger in Global Economy.

› Nearly one in four people, 1.3 billion - a majority of humanity - live on less than $1 per day, while the world's 358 billionaires have assets exceeding the combined annual incomes of countries with 45 percent of the world's people. UNICEF.

› 3 billion people in the world today struggle to survive on US$2/day.

› In 1994 the Urban Institute in Washington DC estimated that one out of 6 elderly people in the U.S. has an inadequate diet.

› In the U.S. hunger and race are related. In 1991 46% of African-American children were chronically hungry, and 40% of Latino children were chronically hungry compared to 16% of white children.

› The infant mortality rate is closely linked to inadequate nutrition among pregnant women. The U.S. ranks 23rd among industrial nations in infant mortality. African-American infants die at nearly twice the rate of white infants.

› One out of every eight children under the age of twelve in the U.S. goes to bed hungry every night.

› Half of all children under five years of age in South Asia and one third of those in sub-Saharan Africa are malnourished.

› In 1997 alone, the lives of at least 300,000 young children were saved by vitamin A supplementation programmes in developing countries.

› Malnutrition is implicated in more than half of all child deaths worldwide - a proportion unmatched by any infectious disease since the Black Death.

› About 183 million children weigh less than they should for their age.

› To satisfy the world's sanitation and food requirements would cost onlyUS$13 billion- what the people of the United States and the European Union spend on perfume each year.

› The assets of the world's three richest men are more than the combined GNPof all the least developed countries on the planet.

› Every 3.6 seconds someone dies of hunger.

› It is estimated that some 800 million people in the world suffer from hunger and malnutrition, about 100 times as many as those who actually die from it each year. 

Saturday, 25 February 2012

Too Often


 

Too often we don't realize
 What we have until it is gone.
 Too often we wait too late to say
 "I'm sorry - I was wrong." 

Sometimes it seems we hurt the ones
 We hold dearest to our hearts;
 And we allow foolish things 
To tear our lives apart. 

All the nice things he said were in the past.




When you love someone so deep inside,
It seems like it's so easy to hide.
You've loved him for so very long,
You would think he could do no wrong.

समय के सूचकांक पर मूल्य अपना भी अंको. " --- राजीव चतुर्वेदी



"जिन्दगी की राह में जो प्यार के पौधे थे रोपे,


सुना है अब बड़े वह हो गए हैं

फूल कुछ हैं, तितलियाँ कुछ, छाँव सी यादें

और सूखी पत्तीयाँ भी प्यार की

सूर्य जब हो सामने परछाईयाँ पीछे ही दिखती हैं

देख लो जज़बात की इस धूप में साए सी मेरी याद को परछाईयाँ कहते हैं लोग

रात जब होती है तो परछाईयाँ दिखती नहीं,--जिन्दगी की रात अब आने को है

समझ लो शाम से सत्य अब संकेत देता है

कदों से जो बड़ी थी, कदम पर जो चली थी अब बिछ्ड़ती हैं

सूर्य जब ढलता है तो फिर साथ देता ही है कौन ?

समय के सूचकांक पर मूल्य अपना भी अंको. " --- राजीव चतुर्वेदी

Friday, 24 February 2012

मोहब्बत है एक ख्वाब या एक जुनून है?



मोहब्बत है एक ख्वाब या एक जुनून है?
किसी को मोहब्बत अगर है तो क्यूँ है..
मोहब्बत में तो सिर्फ़ बेताबियाँ है..
तो फिर क्यूँ मोहब्बत में..
दिल को सुकून है... सुकून है..
कोई ये बता दे की, क्या है मोहब्बत? मोहब्बत..

Thursday, 23 February 2012

Moment to Live...

Monday, 20 February 2012

अमन के नाम पर कफ़न किसने उढ़ाया ?-----राजीव चतुर्वेदी


"शंखनादों से सुबह सहमी है 
आर्तनादों से शाम 
अमन के नाम पर कफ़न किसने उढ़ाया ?


एक सहमी सी सुबह से मैंने पूछ था ये सच 



शाम होते शहर शोकाकुल सा नज़र आया 

सच की दुनिया अब अखबारों को अखरती है 

झूठ का झंडा उठाये दूरदर्शन दौड़ आया 

सुना है गिद्ध की नज़रें हमारे गाँव पर हैं 

सुना है चहकती चिड़िया आज चिंतित है 

सुना है गाय का बच्चा अपनी मां के दूध से वंचित है 



सुना है यहाँ कलियाँ सूख जाती हैं नागफनीयाँ सिंचित हैं 

सुना है फूल तोड़े जा रहे हैं मुर्दों पे चढाने को 

सुना है कांटे तो खुश हैं पर राहें रक्तरंजित हैं 

सुना है शब्द सहमे हैं साँसें थम गयी हैं

अमन के नाम पर कफ़न किसने उढ़ाया ?

एक सहमी सी सुबह से मैंने पूछ था ये सच 

शाम होते शहर शोकाकुल सा नज़र आया 



घर पे आया सबको हंसाया 

छत पे जाके अपने आंसू पोंछ आया 

आवाज़ देकर फलक से मुझे किसने बुलाया 

भूकंप से काँपे घर की देहरी पर दिया किसने जलाया 

शंखनादों से सुबह सहमी है 

आर्तनादों से शाम 

अमन के नाम पर कफ़न किसने उढ़ाया ? 

एक सहमी सी सुबह से मैंने पूछ था ये सच 

शाम होते शहर शोकाकुल सा नज़र आया 

आवाज़ देकर फलक से मुझे किसने बुलाया 

भूकंप से काँपे घर की देहरी पर दिया किसने जलाया. "----राजीव चतुर्वेदी


Friday, 17 February 2012

Dreams


 
* 01 *
Do not spoil what you have by desiring what you have not;
 remember that what you now have was once among the things 
you only hoped for. 


* 02 * 
Dream as if you'll live forever, live as if you'll die today. 


* 03 * 
You see things; and you say, 'Why?' 
But I dream things that never were; 
and I say, 'Why not?' 

I Am Yours FOREVER....


 
You got My love
You got My Promise
I' ll be yours ' till the very end
Your my Swetheart
You'r my EVERYTHING.
Your the ONE I"m looking for
This LOVE is unconditional
This LOVE will never fate
LOVE is the meaning of you
Your my ALL
Here's a Heart that says:
I am yours FOREVER....

Thursday, 16 February 2012

Simplicity and Royalty



Simplicity and Royalty

There's great beauty in simplicity. 
It's not plainness, however it is plain in the sense 
that words and actions are enacted with great royalty, 
full awareness and with so much significance. 

Simplicity takes us away from artificialities, 
it simply accepts and in that acceptance shows us 
grace and humility in every circumstance.

Wednesday, 15 February 2012

"राम और मरा में अंतर क्या है ?---- राजीव चतुर्वेदी


"राम और मरा में अंतर क्या है ?



पहला जीवन की शर्तों का आगमन है और दूसरा बहिर्गमन
अल्लाह और मल्लाह के बीच जो जिस्मानी दरिया बहता है
जमीन पर नूर और जन्नत में हूर पर फातिमा के लिए क्या फतवा है ?
स्वामी विवेकानंद की संस्कृति और पीटर इंग्लॅण्ड की शर्ट का समीकरण समझो 
इनके बीच फंसा बाजार का सेंसेक्स और व्यवहार का फेयर सेक्स धराशाही है
मंदिर में काली और बाज़ार में फेयर एण्ड लवली का बोलबाला है
इस बीच दसवीं भी न पास कर सका एक बल्लेबाज शतकों के शतक पर अटका है
और ले रहा है उस पेप्सी की डकार जो उसे देख कर हमारे नौजवान और ज्यादा पीते हैं
सुना है सचिन अपने बच्चों को पेप्सी नहीं पिलाता
भगवानो में महेश जो युगों को अमृत और पापियों को दारू पीने की व्यवस्था करते थे
यहाँ तो अब क्रिकेट का धोनी है जो नौजवानों में कर रहा है दारू का प्रचार
सुना है भारत में सर्वाधिक बोर्नविटा पी जाती है तभी तो खेल में हम फिसड्डी हैं
और चालीस फीसदी बच्चे हैं कुपोषण का शिकार 


crucifixion of jesus christ with dramatic sky and lightning Picture Of Jesus Crucifixion


कातिल थे वह जिन्होंने ईसा मसीह के क़त्ल के लिए सलीब बनाई थी और उसे टांगा था
हम साल दर साल नई नई सलीबें बना रहे हैं और ईसा को सलीब पर टांग रहे हैं
माल्थूजियन थ्योरी ऑफ़ पोपूलेसन बारह बच्चों के बाप कलीम मियाँ के आगे नतमस्तक है
4 बीबी और महज 16 बच्चों के बाप कलीम मियाँ को वेलेंटाइन को जानने की जरूरत भी क्या है ?
शिवरात्री की पूजा पद्धति मुझे विकृति लगती है आपको संस्कृति लगे तो बताना
और अपनी माँ बहनों को एक बार फिर किसी के लिंग उपासना के लिए लेजाना 
मैं तो चला शिव का चरित्र पूजने
तुम्हें चरित्र नही पूजना था तो पूजते चित्र
तुम जिसे पूजते हो वह न चरित्र है न चित्र
न चरित्र ,न चित्र यह है विचित्र
संस्कृति के नाम पर विकृति का यशोगान ---मेरा भारत महान ." ---- राजीव चतुर्वेदी 

प्यार की परिभाषा बताओ तुम मुझे --- राजीव चतुर्वेदी




प्यार की परिभाषा बताओ तुम मुझे 


शब्दकोशों मैं कहाँ गुम हो गयी 

प्यार के माने अगर है वासना 

तो मिलो तुम जिन्दगी की चढ़ाई के उतरते रास्तों में 

प्यार की दहलीज यदि हो देह तेरी 

मुझसे मिलना रूह जब रोती खड़ी हो रास्ते में 

मुझसे पूछो तो समझ लो ध्यान देकर 

प्यार याचक हो तो है आराधना 

प्यार शोषक हो तो है वह वासना 

प्यार में घंटी बजे मंदिर के जैसी 

तो समझना प्यार है उपासना." --- राजीव चतुर्वेदी

Monday, 13 February 2012

One Step At a Time

I Believe In Me


 
 
 
 
For many years of my life
I wore my heart for all to see
Making it much too easy
For others to take advantage of me.

Love Vs Marriage

Thursday, 9 February 2012

Love & Beauty

"लोकतंत्र की पृष्ठभूमि की पड़तालों में --- राजीव चतुर्वेदी



"लोकतंत्र की पृष्ठभूमि की पड़तालों में 
नन्हें से नचिकेता हम हैं 
यक्ष प्रश्न के लक्ष्य हमी हैं 
सांख्य सवालों के हम अर्जुन 
आज उत्तरा की आँखों में आंसू से अभिमन्यु हम हैं 
खामोशी का खामियाजा हम हैं 
सारनाथ के संकेतों से अमरनाथ तक 
अमरनाथ से हर अनाथ तक 
शान्ति पर्व से सुकरातों तक 
राजपथो से फुटपाथों तक 
हर अधीर को अब समझाओ तुम सुधीर हो 

Wednesday, 8 February 2012

Heart Touching Shayari in Hindi


Ek muskan tu muhje ek baar de de
khwab mein hi sahi ek deedar de de.
Bas ek baar kar le tu aane ka wada
phir Umar Bhar ka chahe intezar de de.
`
Insurance wale bhi kya gajab dhate hain
Insurance wale bhi kya gajab dhate hain
logon ki patniyon ke pas ghanton bethkar
unke pati ke marne ke fayde batate hain.

Dosti SMS in Hindi

Monday, 6 February 2012

माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई...



माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई

पंचतारा होटलों की शान शौकत कुछ न भाई 
खाक छानी होटलों की चाहिए जो ना मिला
क्रोध में हो स्नेह किसका? कल्पना से दिल हिला



प्रेम मे नहला गई जब जम के तेरी डांट खाई
माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई ....



तेरी छाया मे पला सपने बहुत देखा किए
समृद्धि सुख की दौड़ मे दुख भरे दिन जी लिए
महल रेती के संजोए शांति मै खोता रहा
नींद मेरी छिन गई बस रात भर रोता रहा



चैन पाया याद करके लोरी जो तूने सुनाई
माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई ....



लाभ हानि का गणित ले ज़िंदगी की राह में
जुट गया मित्रों से मिल प्रतियोगिता की दाह में
भटका बहुत चकाचौंध में खोखला जीवन जिया
अर्थ ही जीने का अर्थ, अनर्थ में डुबो दिया



हर भूल पर ममता भरी तेरी हँसी सुकून लाई
माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई। ....

DON'T FORGET.....